शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

आशय एवं धारणाएं-2

पिछले अंक में एक वाचन सामग्री के आशय एवं धारणाएं तैयार करने की बात पर हम ने चर्चा की थी. अब रही लेखन के सन्दर्भ में ये तैयार करने की बात.
यह कार्य भी आसान से कर सकते हैं.
याद रखें, प्रत्येक सन्दर्भ में लेखन की प्रक्रिया किसी वाचन प्रक्रिया से मिलकर आती है.
यही नहीं आख्यान तथा किसी अन्य सामग्री और संवाद द्वारा आशय (theme) तक ज़रूर पहुंचेगा.
अत: वाचन सामग्री से जो समस्या परक आशय मिलता है वही लिखित मामग्री का भी बनेगा. लेकिन भाषागत आशय अलग होगा, जबकि लिखने की विधा, वाचन की सामग्री से भिन्न हो.
भाषा परक आशय वाचन के सन्दर्भ में जिस प्रकार निकाला, उसी तरीके से यहाँ भी वह कर सकते हैं. क्योंकि हर प्रोक्ति की कुछ भाषागत विशेषताएं होती हैं. ये उसकी निजी होंगी.
एक बालगीत लें- इसकी क्या-क्या विशेषताएं होती हैं?
दखें -
एक आशय(theme) ज़रूर होगा,
पंकियों की संरचना(srtucture) में समानता होगी,
ताल/संगीत (music) अंतर्लीन होगा और
ये सब मिलकर भावात्मकता (emotion) भी होगी.
ऐसा है तो, बालगीत का आशय यह होता है -
बालगीत आशय युक्त, संरचनात्मक, संगीतात्मक एवं भावात्मक होता है.

इस बालगीत के आधार पर आप खुद यह परखें -
बैठ हवा के ठेले में
बादल आये रेले में
बरसे खूब बजारों में
बूँदें अटकीं तारों में

हम चर्चा कर रहे थे, लेखन के सन्दर्भ के आशय पर. बालगीत में पंक्तियाँ जोड़ने की बात लें.
बालगीत का आशय उपर्युक्त है तो पंक्तियाँ जोड़ने की प्रक्रिया का यह हो सकता है -
दी गयी पंक्तियों के आशय , संरचना, संगीत और भाव से युक्त पंक्तियाँ जोड़कर बालगीत को आगे बड़ा सकते हैं.
इस प्रकार प्रत्येक रचना के भाषागत विशेषताओं के आधार पर उसके भाषा परक आशय तय करें.
ये भाषागत विशेषताएं ही सूचक बनते हैं.
संक्षेप में कहें तो, प्रोक्तियों के जो सूचक होते हैं, वे ही भाषा परक आशय में अंतर्लीन हैं.

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपका लेख पढ़कर हम और अन्य ब्लॉगर्स बार-बार तारीफ़ करना चाहेंगे पर ये वर्ड वेरिफिकेशन (Word Verification) बीच में दीवार बन जाता है.
    आप यदि इसे कृपा करके हटा दें, तो हमारे लिए आपकी तारीफ़ करना आसान हो जायेगा.
    इसके लिए आप अपने ब्लॉग के डैशबोर्ड (dashboard) में जाएँ, फ़िर settings, फ़िर comments, फ़िर { Show word verification for comments? } नीचे से तीसरा प्रश्न है ,
    उसमें 'yes' पर tick है, उसे आप 'no' कर दें और नीचे का लाल बटन 'save settings' क्लिक कर दें. बस काम हो गया.
    आप भी न, एकदम्मे स्मार्ट हो.
    abdul razak p
    GHSS Karakunnu
    http://www.hindisopan.blogspot.com
    http://www.mlpmschoolnews.blogspot.com

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  2. रजाकजी,
    'चांदनी' में आने की कृपा आपने की, शुक्रिया. एक महत्वपूर्ण बात मेरे ध्यान में लाने की कोशिश भी आपने की है.
    मैं नहीं जानता था कि मेरे और आप के बीच में ऐसा एक दीवार है. उसे मैंने तोड़ दिया. अब कोइ भी मित्र को 'चांदनी' में आना आसान का काम है.
    आपको पुनः धन्यवाद.

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